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आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा व्यापार शुल्क की घोषणा है। Nifty 50 इंडेक्स 1.37% गिरकर 23,024.65 पर और BSE सेंसेक्स 1.6% या 481 अंक गिरकर 27,623.36 पर बंद हुआ। यह Indian Market Crash उन आशंकाओं का परिणाम है कि अमेरिका के मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लगाने से भारतीय बाजार भी प्रभावित हो सकते हैं।
Indian Market Crash: गिरावट के प्रमुख कारण
ट्रम्प का पेरिस जलवायु संधि से हटना:
ट्रम्प ने पेरिस जलवायु संधि से अमेरिका के बाहर निकलने का ऐलान किया, जिससे वैश्विक व्यापार और पर्यावरण पर असर पड़ा। इससे बाजार में घबराहट फैल गई, जिससे निवेशकों ने अपनी स्थिति कमजोर की।
मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ बढ़ोतरी का डर:
ट्रम्प ने 01 फरवरी 2025 से मेक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यदि भारत पर भी यही टैरिफ लगाए गए, तो भारतीय निर्यात पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है।
डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया:
2024 में ट्रम्प के डॉलर को मजबूत करने के प्रयासों से रुपया 3% गिरकर 86 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। यह भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा संकेत है, जिससे निवेशकों का विश्वास कमजोर हो सकता है।
Q3 के कमजोर परिणाम:
भारतीय कंपनियों के Q3 परिणामों में कमजोर रहने की संभावना जताई जा रही है। खासकर बैंकिंग और IT कंपनियों में सुधार की उम्मीदें धुंधली हो रही हैं। इससे बाजार में निराशा फैल रही है।
FIIs Selling:
20 जनवरी 2025 तक FIIs द्वारा भारतीय बाजार से 13,809.70 करोड़ रुपये की निकासी की गई, जो बाहरी निवेशकों के नकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
निष्कर्ष
ट्रम्प के टैरिफ खतरे, कमजोर Q3 आय और डॉलर के मुकाबले गिरते रुपया जैसे कारणों से Indian Market Crash हुआ। पेरिस जलवायु संधि से अमेरिका का बाहर निकलना और भारी FII आउटफ्लो ने बाजार की स्थिति को और बिगाड़ दिया है। इन सभी कारकों से भारतीय बाजार में अस्थिरता जारी रह सकती है, और निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
Disclaimer: यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। निवेश या ट्रेडिंग से संबंधित कोई भी सलाह नहीं दी जाती। निवेश निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।